MP: फ्लोर टेस्ट पर नहीं चली राज्यपाल की, अभिभाषण की कुछ पंक्तियां ही पढ़ीं

राज्यपाल लालजी टंडन ने राज्य कैबिनेट की ओर से जो भाषण दिया गया था उसे अक्षरक्ष नहीं पढ़ा. सूत्रों ने बताया कि सरकार ने करीब 40 पन्नों का भाषण भेजा था. राज्यपाल ने कैबिनेट की ओर से मंजूर भाषण को स्वीकार कर लिया. लेकिन विधानसभा पहुंचने के बाद राज्यपाल ने दुर्लभ कदम उठाते हुए पूरे भाषण को नहीं पढ़ा.




  • आंकड़ों के गणित को लेकर टकराव का नतीजा

  • सरकार ने करीब 40 पन्नों का भाषण भेजा था


मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने कमल नाथ कैबिनेट की ओर से मंजूर भाषण को पूरा पढ़ने से सोमवार को इनकार कर दिया. राज्यपाल ने विधानसभा में अपने संबोधन का अंत परम्परा से हटते हुए विधायकों और राजनीतिक दलों को ‘निर्देश’ देने के साथ किया. राज्यपाल ने इस निर्देश में विधायकों और राजनीतिक दलों से संवैधानिक मानकों का पालन करने के लिए कहा.


सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने कमलनाथ सरकार की ओर विधानसभा सत्र के एजेंडे में विश्वास मत को सूचीबद्ध नहीं किए जाने पर ‘नाखुशी’ का इजहार किया. ये मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस और बीजेपी के बीच कमल नाथ सरकार के पास विधानसभा में आंकड़ों के गणित को लेकर टकराव का सीधा नतीजा है. इसकी वजह से विधानसभा में नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला. बता दें कि राज्यपाल लालजी टंडन ने पहले मुख्यमंत्री कमल नाथ को बजट सत्र के शुरू होने पर एजेंडे में विश्वास मत लाने के लिए कहा था. लेकिन फिर राज्यपाल ने कमल नाथ सरकार की इस मांग को मान लिया कि विधानसभा में अन्य किसी भी मुद्दे से पहले राज्यपाल का भाषण कराया जाए.